श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तर शतनामावलिः
दकारादि श्री दुर्गा सहस्र नाम स्तोत्रम्
क्लीङ्कारी कामरूपिण्यै बीजरूपे नमोऽस्तु ते ॥ ८ ॥
देवी माहात्म्यं अपराध क्षमापणा स्तोत्रम्
शृणु देवि प्रवक्ष्यामि कुंजिकास्तोत्रमुत्तमम् ।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति एकादशोऽध्यायः
देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्
नमस्ते शुम्भ हन्त्र्यै च, निशुम्भासुर घातिनि।
देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः
श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि
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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति षष्ठोऽध्यायः
हुं हु हुंकाररूपिण्यै जं more info जं जं जम्भनादिनी।
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